विराट कोहली
विराट कोहली भारतीय क्रिकेट के चमकते हुए सितारे हैं, जिन्हें आधुनिक क्रिकेट का "रन मशीन" और "किंग कोहली" कहा जाता है। उनका जन्म 5 नवंबर 1988 को दिल्ली में हुआ था। क्रिकेट के प्रति उनका लगाव बचपन से ही था और उन्होंने बहुत कम उम्र में ही यह ठान लिया था कि उन्हें क्रिकेटर बनना है। कोहली ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के विशाल भारती पब्लिक स्कूल से प्राप्त की और फिर वेस्ट दिल्ली क्रिकेट अकादमी से क्रिकेट की ट्रेनिंग ली।
विराट कोहली ने सबसे पहले 2008 में अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत की कप्तानी की और टीम को चैंपियन बनाया। इसी के बाद उन्हें भारतीय राष्ट्रीय टीम में शामिल किया गया। उन्होंने अगस्त 2008 में श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला वनडे मैच खेला। शुरुआत में वे मिडल ऑर्डर बल्लेबाज के रूप में खेले लेकिन जल्द ही अपनी प्रतिभा और मेहनत के बल पर उन्होंने टीम में अपनी जगह पक्की कर ली।
कोहली की बल्लेबाज़ी की सबसे बड़ी खासियत उनकी निरंतरता है। वे लगभग हर फॉर्मेट – टेस्ट, वनडे और टी-20 – में शानदार प्रदर्शन करते हैं। उन्होंने वनडे क्रिकेट में 50 शतक बनाकर सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ा और दुनिया में सबसे ज्यादा वनडे शतक बनाने वाले खिलाड़ी बन गए। टेस्ट क्रिकेट में भी उन्होंने कई दोहरे शतक और मैच विनिंग पारियां खेली हैं।
उनकी कप्तानी भी उल्लेखनीय रही है। उन्होंने 2013 में एमएस धोनी के बाद भारतीय टेस्ट टीम की कमान संभाली और भारत को लंबे समय तक नंबर 1 टेस्ट टीम बनाए रखा। उनकी आक्रामकता, फिटनेस और जुनून ने भारतीय टीम की मानसिकता को बदलकर रख दिया। उन्होंने खिलाड़ियों को फिटनेस पर खास ध्यान देना सिखाया और खुद को एक आदर्श खिलाड़ी के रूप में प्रस्तुत किया।
विराट कोहली इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के लिए खेलते हैं और लंबे समय तक कप्तान भी रहे। IPL 2016 में उन्होंने एक ही सीजन में चार शतक लगाकर 973 रन बनाए, जो आज भी एक रिकॉर्ड है।
उनकी क्रिकेट यात्रा में कई उतार-चढ़ाव भी आए, जैसे 2014 में इंग्लैंड दौरे पर खराब प्रदर्शन या 2020 के बाद कुछ समय तक शतक न बना पाना। लेकिन कोहली ने हार नहीं मानी और हर बार ज़ोरदार वापसी की। उनकी मानसिक दृढ़ता और क्रिकेट के प्रति समर्पण उन्हें खास बनाता है।
आज विराट कोहली सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं बल्कि लाखों युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं। उनकी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास हमें यह सिखाता है कि अगर सच्ची लगन हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। भारतीय क्रिकेट में उनका योगदान अमूल्य है और वे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल
बनकर रहेंगे।
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